ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति का वजन इतना ज्यादा हो जाता है कि इसका बूरा असर उसकी सेहत पर पड़ने लगता है। जब व्यक्ति जरुरत से ज्यादा कैलोरी का सेवन करता है तो चर्बी अतिरिक्त कैलरी फैट के रूप में शरीर में जमा
कमर का मोटापा क्या होता है? (What is Belly Fat?)आयुर्वेद के अनुसार मोटापा वात, पित्त और कफ के असन्तुलित होने के कारण होता है। मोटापा मुख्यत कफ दोष के असंतुलन के कारण बढ़ता है। जो हमारे शरीर में उपस्थित मेद धातु को असंतुलित कर देती है।
कमर अधिक मोटी क्यों हो जाती है? (Causes of Belly Fat)
पेट पर थोड़ी बहुत चर्बी होना सामान्य माना जाता है परन्तु यह ज्यादा हो तो कईं बीमारियों से जूझना पड़ सकता है। बदलती जीवनशैली और भाग-दौड़ भरी जिन्दगी के अलावा खाने-पीने की गलत आदतें पेट में चर्बी बढ़ने की मुख्य वजह है। इस जगह पर चर्बी बढ़ने का कारण है एडिपोज़ टिशु (Adipose tissue) इसके अलावा यहाँ रक्त का बहाव तेज होता है जिससे फैट जमता है। साथ ही हमारे बैठने के Posture से भी फर्क पड़ता है, जो लोग ऐसा काम करते हैं जिसके लिए उन्हें सुबह से शाम तक एक जगह पर बैठे रहना पड़ता है जैसे-लगातार कम्प्यूटर पर बैठ कर काम करना आदि। ऐसे में कमर के हिस्से में मोटापा ज्यादा तेजी से बढ़ता है।
इसके अलावा निम्न वजह भी होते हैं-
–अनुवांशिक- वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार शरीर में कुछ फैट सेल अनुवांशिक तौर पर विकसित होते हैं यदि किसी के परिजन इस परेशानी से ग्रस्त हैं तो आने वाली पीढ़ी को भी यह समस्या होने की आशंका रहती है।
–कमजोर पाचन तंत्र- जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे हमारा पाचन तंत्र भी कमजोर होने लगता है यह भी पेट या कमर की चर्बी बढ़ने का कारण होता है। आमतौर पर देखा गया है कि इस मामले में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इस समस्या का ज्यादा शिकार होती हैं। पाचन तंत्र खराब होने से थायरायड व शुगर जैसी समस्याएं भी शरीर को घेर लेती हैं।
कमर का मोटापन रोकने के उपाय (Prevention Tips for Belly Fat)
कमर का मोटापन कम करने के लिए जीवनशैली और आहार में बदलाव लाना जितना ज़रूरी होता है उतना ही व्यायाम भी आवश्यक होता है।
आहार-
-हफ्ते में कम से कम एक बार कार्बोहाइड्रेट्स से परहेज करें।
-हरी कडवी सब्जियाँ खाएं, जैसे- करेला, मेथी, पालक, भिंडी, वनस्पति घी और ट्रान्स फैट बिल्कुल न खाएं।
-सैचुरेटेड फैट वाले उत्पाद न खाएं।
-मिठाई, एल्कोहल का सेवन सीमित मात्रा में करें।
-मैदा, चावल और चीनी का उपयोग खाने में कम करें।
-दिन भर में तीन बार पेट भरकर खाने से हमारा पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता इसलिए हर दो से तीन घण्टे में थोड़ा-थोड़ा खाते रहे।
-दिन भर में आठ से दस गिलास पानी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। पानी तभी तक नहीं पीनी चाहिए जब आपको प्यास लगी हो। हर तय समय पर थोड़ा-थोड़ा पानी पीना चाहिए। ऐसा करने से ओवर इटिंग की आदत कम हो सकती है।
जीवनशैली-
ग्रीन टी- इसमें एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है जो मोटापा व चर्बी घटाने में काफी मदद करता है इसलिए दिन भर में कम से कम एक कप ग्रीन टी पीएं।
फल व सब्जियाँ- दिनभर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में फल व सब्जियों का सेवन करते रहना चाहिए।
पूरी नींद- चर्बी को कम करने के लिए नींद का पूरा होना भी जरूरी है। हर व्यक्ति को 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। कम या ज्यादा सोना दोनों ही वजन बढ़ने का अहम कारण होता है। कहा जाता है कि अगर आप 7-8 घंटे पूरी नींद लेकर सोते हैं तो पाचन तंत्र अच्छे से काम करता है जिससे भोजन आसानी से पच जाता है।
नाश्ता न भूलें- जितना जरूरी सांस लेना है उतना ही जरूरी नाश्ता है। कुछ लोग सोचते हैं कि नाश्ता नहीं करने से वजन कम होता है जबकि ऐसा नहीं है, उल्टा नाश्ता न करने से हमारी भूख बढ़ती है और हम ज्यादा खा लेते हैं जिससे वजन बढ़ने की समस्या पैदा हो सकती है।
व्यायाम-
कमर के मोटापे को कम करने के लिए आहार में बदलाव के साथ व्यायाम बेहद जरूरी है। बिना व्यायाम के कमर के मोटापे को कम नहीं किया जा सकता क्योंकि यह शरीर के विशेष भाग में जमा चर्बी होती है जिसके लिए उस मोटापे को घटाने के लिए कुछ विशेष प्रकार का व्यायाम एवं योगासन जरूरी है। रोज ये योगासन करने से कमर का मोटापा धीरे-धीरे कम होने लगता है-
-सेतुबंध,
– कपालभाती
-अनुलोम-विलोम
-बालासन।
आयुर्वेद के अनुसार-
-शक्कर युक्त व डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ खाने से बचे।
-स्टार्च युक्त पदार्थ जैसे-चावल, नूडल्स, पास्ता, मैदे की ब्रेड न खाएं।
-तम्बाकू, शराब व सिगरेट से परहेज करना चाहिए।
-तली हुई चीजें न खाएं।